भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साल 2026 में लागू होने वाले कई नए नियमों को लेकर बड़े बदलावों की घोषणा की है, जो ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ाने, बैंकिंग प्रणाली को पारदर्शी बनाने, और डिजिटल बैंकिंग को और मजबूत करने की दिशा में हैं। यहां उन सभी महत्वपूर्ण नियमों और बदलावों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
1. चांदी पर
लोन की अनुमति
1 अप्रैल 2026 से RBI ने सोने के बाद चांदी (गहने, सिक्के, आदि) पर
भी लोन देने की मंजूरी दी है। अब बैंक और NBFC चांदी को भी गिरवी रखकर लोन प्रदान कर सकेंगे। हालांकि चांदी की ईंट
या बार बुलियन पर लोन नहीं मिलेगा ताकि सट्टेबाजी पर रोक लगाई जा सके। चांदी के
लिए ब्याज दर सोने से थोड़ी अधिक हो सकती है। यह नियम पारदर्शिता और ग्राहकों की
सुरक्षा सुनिश्चित करता है.
2. डिजिटल
भुगतान सुरक्षा में सुधार
RBI ने दो-चरणीय प्रमाणीकरण (2FA)
के लिए नए नियम जारी किए हैं, जिसमें SMS OTP के अलावा बायोमेट्रिक्स, ऐप टोकन
और डिवाइस-नेटिव ऑथेंटिकेशन को मान्यता दी गई है। इन नियमों का पालन 1 अप्रैल 2026 से किया जाएगा। इस कदम से डिजिटल लेनदेन अधिक सुरक्षित होंगे.
3. ब्याज दर
और प्री-पेमेंट पेनल्टी में बदलाव
- अब सभी बैंकों के लिए ब्याज दर तय करने का
एक समान फार्मूला अपनाना जरूरी होगा जिससे ब्याज दरों में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- होम लोन और अन्य सभी लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी पूरी तरह से समाप्त कर दी जाएगी। यानी ग्राहक बिना जुर्माना दिए लोन जल्दी चुका सकते हैं.
4. बैंकिंग
सेवा सुधार
- बैंकिंग सेक्टर में नई टाइम-बाउंड सर्विसेज
लागू होंगी, जिससे
ग्राहक सेवा में देरी पर बैंक को जुर्माना देना होगा।
- साइबर सुरक्षा को सख्त किया जाएगा, साइबर हमलों के खिलाफ बैंकों की जवाबदेही
बढ़ेगी। यदि सुरक्षा में चूक होती है तो 25000 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकेगा.
5. बैंक
लॉकर विवादों में सुधार
यदि बैंक की गलती से किसी ग्राहक के
लॉकर का सामान चोरी या नुकसान होता है तो बैंक को ग्राहक को मुआवजा देना होगा। यह
उपभोक्ता के अधिकारों की सुरक्षा का एक बड़ा कदम है.
6. लिक्विडिटी
कवरेज रेशियो (LCR) के नियम
अपडेट
1 अप्रैल 2026 से बैंकिंग में लिक्विडिटी कवरेज रेशियो के नियमों में बदलाव होंगे,
जो भारत के बैंकों की नकदी स्थिति को मजबूत और
विश्वस्तरीय बना देंगे। छोटे व्यवसायों और खुदरा ग्राहकों के लिए ऑनलाइन डिपॉजिट्स
पर अतिरिक्त रन-ऑफ रेट लागू होंगे.
7. रेपो रेट
और आर्थिक अनुमान
RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश की GDP वृद्धि दर 6.5% पर कायम
रखी है। इसके साथ ही दिसंबर 2025 में
रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की संभावना है,
जिससे 5.25% की दर पर आ सकती है। इससे कर्ज सस्ता होगा और आर्थिक गतिविधियां
बढ़ेंगी.
8. उपभोक्ता
की सुरक्षा और पारदर्शिता
- लोन के लिए समान मूल्यांकन मानदंड वजनदार
होंगे।
- लोन एप्लिकेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता
आएगी और ग्राहक को उसकी लोकल भाषा में सभी नियमों और शर्तों की जानकारी दी
जाएगी।
- बैंक लोन के लिए अधिक सावधानी बरतेंगे और
डिजिटल ऋणों के लिए कड़ी जांच सुनिश्चित करेंगें.
9. प्रभाव
और लाभ
- इन नियमों से ग्राहकों का बैंकिंग पर
विश्वास बढ़ेगा।
- डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से सेवा अधिक
लोगों तक पहुंच सकेगी।
- बैंक साइबर सुरक्षा के लिहाज से अधिक
जिम्मेदार बनेंगे।
- लोन प्रक्रिया आसान और कम समय लेने वाली
होगी।
निष्कर्ष:
RBI के ये नए नियम 2026 भारतीय बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र में मील
का पत्थर साबित होंगे। ये नियम न केवल ग्राहकों की सुरक्षा और सुविधा बढ़ाएंगे,
बल्कि बैंकिंग प्रक्रिया को और पारदर्शी, अधिक उत्तरदायी और तकनीकी रूप से सशक्त बनाएंगे।
लेख में उल्लिखित सभी नए नियम 1
जनवरी से 1 अप्रैल 2026 के बीच
चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे, जिससे
भारतीय बैंकिंग सेक्टर को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

0 टिप्पणियाँ